युद्ध के बीच नेतन्याहू के खिलाफ इजरायल की जनता ने खोला मोर्चा

इजरायल ने गाजा के रफाह इलाके से छह बंधकों के शव बरामद किए हैं। इजरायली सैनिकों को ये शव एक सुरंग से मिले हैं जहां हत्या के कुछ देर बाद ही वे पहुंचे थे।

एक अमेरिकी नागरिक और पांच इजरायली नागरिकों के शव मिलने के बाद इजरायल में गुस्सा फूट पड़ा और हजारों लोगों ने सड़कों पर आकर सरकार विरोधी प्रदर्शन किया। लोगों का कहना था कि सरकार बंधकों की सुरक्षित रिहाई में विफल रही है। देश में सोमवार से श्रमिकों की हड़ताल होने के भी संकेत हैं।

बंधकों की रिहाई के लिए कुछ नहीं कर रही सरकार: प्रदर्शनकारी

तेल अवीव में रविवार को हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर कर बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नाराज प्रदर्शनकारियों का मानना है कि नेतन्याहू सरकार सिर्फ गाजा-मिस्र सीमा पर फिलाडेल्फी गलियारे पर नियंत्रण बनाए रखने पर जोर दे रही है।

प्रदर्शनकारियों ने ये भी आरोप लगाया है कि नेतन्याहू सरकार बंधकों की रिहाई के लिए कोई जरूरी कदम नहीं उठा रही है। एक बंधक इदान श्तिवी के भाई ओमरी ने कहा, “नेतन्याहू बंधकों को छुड़ाने के लिए कोई सौदा करना नहीं चाहते। यही वजह है कि हम उनकी सरकार के इस्तीफे की मांग करते हैं।”

तेल अवीव में जमकर हुए विरोध प्रदर्शन

गाजा में बंधकों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से हमास के साथ युद्ध विराम पर बातचीत करने की मांग करते हुए रविवार को हजारों इजरायलियों ने देश भर में रैली की। लगभग 700,000 लोगों ने देश भर में मुख्य सड़कों और जंक्शनों पर प्रदर्शनों में भाग लिया, जिनमें से 550,000 लोग शामिल हुए।

तेल अवीव में एक आईडीएफ के मुख्यालय और सैन्य अड्डे के बाहर भावनात्मक प्रदर्शन हुए। लोग  नेतन्याहू सरकार से बंधकों को सुरक्षित घर लाने के लिए जल्द से जल्द समझौता करने की अपील कर रहे हैं।

बता दें कि पिछले साल  7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला कर दिया था। इस हमले में 1200 लोगों की जान चली गई थी। वहीं, हमास ने 250 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया। 

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