सीरिया से राष्ट्रपति बशर अल-असद के जाते ही हिजबुल्लाह की स्थिति कमजोर पड़ने लगी है। हिजबुल्लाह की सीरिया में लड़ाके आदि सप्लाई करने की मुख्य लाइन कट गई है। हिजबुल्लाह के नेता नईम कासिम ने कहा है कि सीरिया में बशर अल असद की सत्ता के पतन के बाद उसकी मुख्य आपूर्ति लाइन कट गई है, लेकिन वह हथियार लाने के अन्य तरीके ढूंढ़ सकता है।
हाल ही में बशर अल-असद की सरकार के पतन के बाद लेबनानी सशस्त्र समूह ने सीरिया के माध्यम से अपने हथियार आपूर्ति मार्ग को अस्थायी रूप से खो दिया है। असद की सरकार के पतन के बाद शनिवार को अपने पहले टेलीविजन संबोधन में कासिम ने ये बात की है।
नए तरीके ढूंढेगा हिजबुल्लाह
उन्होंने कहा कि एक बार नया शासन स्थापित होने पर आपूर्ति मार्ग बहाल किया जा सकता है, या हिजबुल्लाह वैकल्पिक रास्ते तलाश सकता है। कासिम ने कहा, ‘एक नया शासन आ सकता है और यह मार्ग सामान्य हो सकता है, और हम अन्य तरीकों की तलाश कर सकते हैं।’ बता दें कि हिजबुल्लाह ने असद के विद्रोहियों को कुचलने में मदद करने के लिए 2013 में सीरिया में हस्तक्षेप करना शुरू किया था।
हिजबुल्लाह असद का मुख्य समर्थक था और उसने विद्रोहियों से लड़ने में मदद करने के लिए पिछले दशक में हजारों लड़ाके सीरिया भेजे थे। दशकों तक हिजबुल्लाह ईरान से हथियारों के लिए एक माध्यम के रूप में सीरिया पर निर्भर रहा। नवंबर में ही इजरायल ने लेबनान और सीरिया के बीच सीमा क्रॉसिंग पर कई हमले किए थे।
इजरायल को मान्यता ने दे सीरिया-नईम कासिम
हिजबुल्लाह प्रमुख ने यह भी कहा कि सीरिया के नए शासकों को पड़ोसी देश इजरायल को मान्यता नहीं देनी चाहिए या उसके साथ संबंध स्थापित नहीं करने चाहिए। कासिम ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि सत्ता में यह नई पार्टी इजरायल को एक दुश्मन के रूप में देखेगी और उसके साथ संबंध सामान्य नहीं करेगी।’
क्षेत्र में तनाव बढ़ने की धमकी
नेता अहमद अल-शरा, जिन्हें उनके नाम अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से जाना जाता है ने शनिवार को कहा कि सीरिया में हवाई हमले करने के लिए इजरायल के पास कोई और बहाना नहीं है और सीरियाई धरती पर हाल ही में आईडीएफ के हमले खतरे में पड़ गए हैं। क्षेत्र में तनाव बढ़ने की धमकी दी।