
डेलीगेशन की अगुवाई कर रहे पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने माना है कि उनके देश ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य जगहों पर कश्मीर मुद्दे पर अपने अभियान में कोई प्रगति नहीं की है। बिलावल भुट्टो ने आगे कहा, जहां तक संयुक्त राष्ट्र और सामान्य तौर पर कश्मीर मुद्दे का सवाल है, हमारे सामने आने वाली बाधाएं अभी भी मौजूद हैं।’
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों और राजनयिकों के साथ अपनी बैठकों में उन्हें आतंकवाद और जल जैसे मुद्दों पर तो मदद मिली, लेकिन यह कश्मीर तक नहीं पहुंची। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल ने एक फलस्तीनी पत्रकार द्वारा कश्मीर और गाजा को समान बताने के प्रयास को खारिज कर दिया, जिसका कुछ पाकिस्तानियों ने भी इस्तेमाल किया है।’
‘फलस्तीनियों से नहीं कर सकते पाक की तुलना’
बिलावल भुट्टो ने आगे कहा, ‘मैं शुरू से ही इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि फलस्तीनियों की दुर्दशा और पाकिस्तान, कश्मीर की दुर्दशा के बीच मैं कोई सार्थक तुलना नहीं कर सकता।’ उन्होंने कहा, ‘हम गाजा में जो देख रहे हैं, फलस्तीन में जो देख रहे हैं, वह सभी रूपों, स्वरूपों और शर्तों में अत्यंत अपमानजनक, अमानवीय और निंदनीय है।’
लेकिन उन्होंने आरोप लगाया कि भारत इजरायल से प्रेरणा ले रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तरह बनने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वे उनके आसपास भी नहीं हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखलाया पाकिस्तान
बिलावल के प्रतिनिधिमंडल को इस्लामाबाद ने उन सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों के आधार पर तैयार किया है। यह आधार भारत के आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की अपनी नीति और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 लोगों की मौत के बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बारे में तय हुआ है।