
उधमपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कमलेश पंडिता की अदालत ने अवैध तरीके से जिले में रह रहे म्यांमार के तीन नागरिकों को जमानत देने से इन्कार कर दिया। यह फैसला जिले में अवैध प्रवासियों के खिलाफ चल रहे विशेष अभियान के तहत लिया गया है।
म्यांमार के मोहम्मद जुबैर, नजीमुल्ला और हारूम मोहम्मद ने जमानत याचिका दाखिल करते हुए कहा था कि उनके पास संयुक्त राष्ट्र का पहचान पत्र है और वे किसी आपराधिक मामले में शामिल नहीं हैं। सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि गृह विभाग के आदेश पर गठित विशेष जांच दल ने इन्हें आठ अन्य विदेशी नागरिकों के साथ उधमपुर में अवैध रूप से रह रहे लोगों की सूची में चिह्नित किया है। पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, तीनों आरोपियों को हिरासत में लेकर जिला कठुआ के हीरानगर स्थित होल्डिंग सेंटर में भेजा गया है जहां से उन्हें कानूनी प्रक्रिया के तहत उनके देश वापस भेजा जाएगा।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि तीनों व्यक्ति बिना वैध दस्तावेजों के भारतीय सीमा में दाखिल हुए और वर्तमान परिस्थितियों में यह राष्ट्रीय सुरक्षा और लोक व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है। सुप्रीम कोर्ट में इस समय ऐसे ही एक मामले की सुनवाई चल रही है, जिसमें अवैध प्रवासियों की वापसी को लेकर स्थिति स्पष्ट की जा रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए अदालत ने कहा कि इन परिस्थितियों में जमानत देना उचित नहीं होगा।
न्यायालय ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक शांति के हित में इनकी गतिविधियों पर नियंत्रण जरूरी है। इसके साथ ही याचिका खारिज कर दी गई और मामला रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया।