
आरक्षण पर विवाद के बीच महाराष्ट्र के जालना जिले में एक अज्ञात व्यक्ति ने ओबीसी कार्यकर्ता की कार में आग लगा दी। यह घटना रविवार रात करीब दस बजे नीलम नगर इलाके में हुई। पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि एक व्यक्ति बोतल से ज्वलनशील पदार्थ कार पर डालता है और फिर उसमें आग लगा देता है। यह कार ओबीसी कार्यकर्ता नवनाथ वाघमारे की थी, जो वहां खड़ी थी। स्थानीय लोगों ने समय पर पहुंचकर आग बुझा दी और कार को पूरी तरह से जलने से बचा लिया। कार का ऊपरी हिस्सा ही जला।
बाद में मीडिया से बातचीत में वाघमारे ने आरोप लगाया कि यह काम मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के समर्थकों ने किया है। मनोज जरांगे भी जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव के रहने वाले हैं। वाघमारे ने कदीम जालना थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है और सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है।
वाघमारे ने कहा, मेरी कार को जानबूझकर जलाया गया। स्थानीय लोगों ने आग फैलने से पहले उसे बचा लिया। हम संविधान को मानते हैं, न कि ऐसे हिंसक रास्तों पर चलते हैं। सोचिए, अगर ओबीसी कार्यकर्ताओं ने जरांगे की कार जला दी होती तो क्या होता? उन्होंने फिर अपना आरोप दोहराया कि इसघटना के पीछे जरांगे के समर्थकों का हाथ है। उन्होंने पुलिस से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
आरक्षण को लेकर संघर्ष का केंद्र बना जालना
जालना जिला इस समय मराठा, ओबीसी, धनगर और बंजारा समुदायों के बीच आरक्षण को लेकर संघर्ष का केंद्र बन गया है। ओबीसी कार्यकर्ता हैदराबाद गजट को लागू करने का विरोध कर रहे हैं, जिसके तहत मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र देकर उन्हें ओबीसी आरक्षण का लाभ देने की योजना बनाई गई है। ओबीसी समूहों का कहना है कि इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पहले से आरक्षण पाए अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए अवसर कम हो जाएंगे।