
हिमाचल प्रदेश में शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक लोगों को आपदा से निपटने के लिए तैयार किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने चार नई योजनाएं लॉन्च कर दी हैं। अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इन योजनाओं का शुभारंभ किया। पहली योजना में प्रदेश भर की पंचायतें भी आपदा से निपटने के लिए तैयार होंगी। इसके लिए पंचायत आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र को लॉन्च किया गया है। पंचायत में टीमों का गठन किया जाएगा। पंचायत को एक आपात किट मिलेगी। इसमें तिरपाल, स्ट्रेचर, लाइट आदि उपकरण शामिल होंगे।
समारोह में 10 पंचायतों के प्रधानों को यह किट वितरित की गई। सुरक्षित निर्माण दिशा-निर्देशों को सभी तक पहुंचाने और इसे लागू करने के लिए तैयार की गई हिम कवच मोबाइल एप का शुभारंभ भी किया गया। यह एप भवन मालिकों, इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों को सुरक्षित निर्माण की तकनीक अपनाने में मदद करेगा। हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन सूचना प्रणाली एप्लीकेशन भी लॉन्च किया गया। यह एप विभिन्न विभागों में आपदा डाटा संग्रह, सत्यापन और रिपोर्टिंग को सुव्यवस्थित करता है। यह एक केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म के रूप में डिजाइन की गई है जो विभिन्न क्षेत्रों में आपदा के बाद क्षतियों, संसाधन आवंटन की निगरानी और प्रबंधन में सहायता करती है।
कार्यक्रम के दौरान चौथी योजना युवा आपदा मित्र के तौर पर लागू की गई। चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल एवं स्पीति, शिमला, सोलन और ऊना में युवा आपदा मित्र योजना लागू की जाएगी। योजना में कुल 4,070 युवा स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन और आपातकालीन प्रतिक्रिया पर सात दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्हें तीन वर्षों के लिए जीवन एवं चिकित्सा बीमा में कवर किया जाएगा। इस मौके पर राज्य स्तरीय सुरक्षित निर्माण मॉडल प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया।
उच्च श्रेणी में पहला स्थान राजकीय हाई स्कूल अनहैच, दूसरा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला प्रीथीपुर और तीसरा राजकीय उच्च स्कूल बिलासपुर ने हासिल किया। वरिष्ठ माध्यमिक श्रेणी में पहला स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पबियाना, दूसरा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला मंडी और तीसरा स्थान ला मॉन्टेसरी स्कूल कुल्लू ने हासिल किया। कॉलेज श्रेणी में राजकीय डिग्री कॉलेज बासा, दूसरा स्थान राजकीय आईटीआई सोलन और राजकीय डिग्री कॉलेज बिलासपुर ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।