
अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर विभागीय स्तर पर शुरू कवायद के तहत ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन का काम पूरा हो चुका है। अगले चरण में अब ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत, जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्यों सहित विभिन्न पदों का आरक्षण किया जाना है। हालांकि आरक्षण की प्रक्रिया सितंबर या अक्तूबर में शुरू होने की संभावना है, लेकिन संबंधित विभागीय अधिकारियों ने आरक्षण को लेकर मंथन शुरू कर दिया है।
बता दें कि पंचायती राज विभाग ने ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन का कार्य पूरा कर लिया है। इसमें 504 ग्राम पंचायतें कम हुई हैं और अब ग्राम पंचायतों की संख्या घटकर 57695 हो गई है। वहीं, सूत्रों का कहना है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में सीटों के आरक्षण का निर्धारण पुरानी नियमावली से वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ही किया जाना है।
सूत्रों का कहना है कि फिलहाल अब वार्डों के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी औ्र इसके लिए जल्द ही आपत्तियां और सुझाव मांगे जाएंगे। चूंकि पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण निर्धारित करने से पहले पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन होना बाकी है और इसके गठन में और समय लग सकता है। गठन के बाद भी आयोग को आरक्षण तय करने में तीन महीने से अधिक समय लगने की संभावना है। इसलिए संभावना है अक्तूबर तक ही आरक्षण की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनाव में आरक्षित सीटों का भूगोल बदल जाएगा। ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत, एससी के लिए 20.69 प्रतिशत व एससी श्रेणी के लिए 0.56 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी। आरक्षित सीटों में संबंधित वर्ग की महिलाओं के लिए भी 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की जाएंगी।