
प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार को राउज एवेन्यू की विशेष अदालत को बताया कि अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की रिहाई की याचिका भ्रामक और निराधार है। विशेष न्यायाधीश संजय जिंदल जेम्स की रिहाई की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें कहा गया था कि उसने कथित अपराधों के लिए अधिकतम सात वर्ष की सजा काट ली है। ईडी ने अपने जवाब में कहा कि आरोपी क्रिश्चियन मिशेल जेम्स के इस कथन के संबंध में कि वह उन अपराधों के लिए निर्धारित अधिकतम सजा की अवधि पहले ही काट चुका है, जिसके लिए उसे संयुक्त अरब अमीरात से भारत प्रत्यर्पित किया गया था, इसलिए वह सीआरपीसी की धारा 436 ए के प्रावधानों के आधार पर रिहा होने का हकदार है। यह अत्यंत सम्मानपूर्वक प्रस्तुत किया जाता है कि उपरोक्त कथन भ्रामक और किसी भी योग्यता से रहित हैं।
ईडी के जवाब में कहा गया है कि धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत, धन शोधन के अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सजा सात साल है। मामले में गिरफ्तारी की तारीख 22 दिसंबर, 2018 है। अपराध के लिए प्रदान की गई कारावास की अधिकतम अवधि अभी समाप्त नहीं हुई है। इसलिए सीआरपीसी की धारा 436ए के प्रावधानों के तहत अभियुक्त द्वारा मांगी गई वर्तमान पात्रता समय से पहले की गई है और इसलिए खारिज किए जाने योग्य है।