
भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से बेघर हो चुके जम्मू-कश्मीर के लोगों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। आपदा पीड़ितों के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमजीएस-वाई) के तहत नए 5,061 घरों को मंजूरी दे दी है। इनके निर्माण पर 81 करोड़ 98 लाख 82 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे। धन सीधे प्रभावित परिवारों के बैंक खाते में भेजा जाएगा। इसे प्रशासन की निगरानी में खर्च किया जाएगा।
इस मानसून में प्राकृतिक आपदा में प्रदेश में खासकर जम्मू संभाग में लोगों को भारी नुकसान हुआ है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ही नहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर हालात जाने थे। इसके बाद गृह मंत्रालय की टीम ने दौरा कर रिपोर्ट तैयार की और इसे केंद्र को सौंपा है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही जम्मू-कश्मीर को 5,061 घरों को मंजूरी मिली है। वहीं, दूसरी रिपोर्ट प्रदेश सरकार ने प्रशासन और राजस्व विभाग की मदद से तैयार की है। इस रिपोर्ट को भी केंद्र सरकार के साथ साझा किया जा रहा है।
भारी आपदा से जूझने वाले प्रदेश को केंद्र की तरफ से मिलने वाली यह पहली मदद होगी और इसमें प्रदेश सरकार की कोई भी भूमिका नहीं है। प्रभावित परिवारों की पहचान केंद्र की टीमें पहले ही कर चुकी हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की मदद से प्रदेश में आपदा से ध्वस्त हो चुके घरों का निर्माण आसान हो जाएगा।
तीन से चार किस्तों में होगा भुगतान
पीएमजीएसवई के तहत प्रत्येक परिवार को 1.50 लाख रुपये घर बनाने के लिए देने का प्रावधान है। 12 हजार रुपये शौचालय निर्माण के लिए अलग से दिए जाते हैं। इसके अलावा मनरेगा के माध्यम से पीड़ित परिवारों को मजदूरी का भुगतान भी किया जाएगा। घर बनाने के लिए धनराशि परिवारों को तीन से चार किस्तों में दी जाएगी।
उपराज्यपाल ने प्रधानमंत्री मोदी को कहा धन्यवाद
प्रधानमंत्री आवास योजना की मदद के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने केंद्र सरकार का आभार जताया है। उन्होंने कहा, प्राकृतिक आपदाओं के कारण क्षतिग्रस्त हुए 5,061 घरों के निर्माण को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास तथा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभारी हूं।