मध्यप्रदेश में शुरू होगी विमानन सेवा, छह शहरों में चलेगी ई-बस

मध्यप्रदेश कैबिनेट की बैठक मंगलवार को मंत्रालय में आयोजित हुई। इसमें कई अहम प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई है। कैबिनेट की बैठक के बाद उप-मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट ने कई बड़े सिंचाई परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। इसके साथ ही प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के अंदर छोटे विमानन का संचालन, पीएम-ई बस सेवा और प्रशासनिक इकाई पुर्नगठन आयोग गठित करने समेत कई अहम प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

उप-मुख्यमंत्री शुक्ल ने बताया कि प्रदेश के अंतर सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड पर निजी ऑपरेटर के सहयोग से प्रदेश के अंदर वायुसेवा का संचालन किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इसमें डबल इंजन वाले छोटे विमानन का संचालन किया जाएगा। इसका रूट, पर्यटन स्थलों को चिन्हित किया जाएगा, जिसके बाद निजी ऑपरेटर को संचालन के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

552 ई-बसों के संचालन को स्वीकृति
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के अंतर्गत शहरी बस सेवा संचालन के लिए कैबिनेट ने स्वीकृति दी है। प्रदेश के छह नगरीय निकायों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर में पीएम ई-बस का संचालन पीपीपी मॉडल पर किया जाएगा। भारत सरकार 552 बसें उपलब्ध कराएगी और 12 साल तक इसके संचालन की राशि भी देगी। यह बसें अलग-अलग साइज की होंगी, जिसमें इंदौर के लिए 150 बसें, भोपाल के लिए 100, जबलपुर के लिए 100, ग्वालियर के लिए 70 बसें, उज्जैन के लिए 100 बसें और सागर में 32 बसों का संचालन होगा। इनका धीरे-धीरे विस्तार प्रदेश के अलग-अलग शहरों में किया जाएगा।

प्रशासनिक इकाई पुर्नगठन आयोग गठित होगा
कैबिनेट ने प्रदेश की प्रशासनिक इकाईयों के पुर्नगठन के लिए मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुर्नगठन आयोग गठित करने लिए स्वीकृति दी है। इसके तहत अब प्रशासनिक इकाई पुर्नगठन आयोग का गठन, आयोग की टर्म्स ऑफ रिफरेंस, आयोग का स्वरूप, वेतन/भत्ते, प्रशासनिक संरचना तथा विस्तीय प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। इसके गठन से प्रदेश में प्रशासनिक नियंत्रण सुनिश्चित हो सकेगा।

कर्मचारियों को 6वें वेतनमान का लाभ
अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत अनुदान प्राप्त अशासकीय संस्थाओं के शिक्षक और कर्मचारियों को एक जनवरी 2006 से 6वें वेतनमान का लाभ देने के लिए 53.74 करोड़ के अतिरिक्त अनुमानित व्यय का अनुमोदन किया गया है।

एमपी एलाइड एंड हेल्थकेयर काउंसिल का होगा गठन
स्वास्थ्य विभाग से संबंधित नेशनल कमीशन फॉर एलाइउ एंड हेल्थ केयर प्रोफेशन एक्ट-2021 के प्रावधानों के तहत कैबिनेट ने पैरा मेडिकल काउंसिल के संचालन और बेहतर प्रबंधन के लिए मध्यप्रदेश एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसिल का गठन किया गया है। अब पैरा मेडिकल काउंसिल की परिसंपत्तियों, कार्यरत अमला, दायित्वों आदि का हस्तांतरण नवीन एमपी एलाइड एंड हेल्थ केयर काउंसिल में किए जाने को स्वीकृति दी है।

कैबिनेट इन प्रस्ताव को भी दी स्वीकृति

  • स्टार्टअप और इन्क्यूबेशन के संबंध में किए जा रहे कार्यों का समावेश सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत करने के लिए मध्यप्रदेश कार्य (आवंटन) नियम में संशोधन की कार्यवाही किए जाने का निर्णय लिया गया है।
  • नगरीय निकायों के विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री नगरीय क्षेत्र अधोसंचरना निर्माण योजना के विस्तार एवं अतिरिक्त बजट की स्वीकृति कैबिनेट ने दी है। योजना की 800 करोड़ की लागत का विस्तार करते हुए 1100 करोड़ रुपये स्वीकृत की गई है। योजना की अवधि को दो वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष 2024-25 तक कर दिया गया है।

इन सिंचाई परियोजनाओं पर भी लगाई मुहर

  • राजगढ़ जिले की मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना की रिवाइज एस्टीमेंट को मंजूरी दी है। 4,666 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजना से 1,51,495 हेक्टेयर सिंचाई होगी।
  • सीधी जिले की सीतापुर हनुमना माइक्रो सिंचाई परियोजना को प्रशासकीय स्वीकृति दी है। 4,167 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजना से 1,20,000 हेक्टेयर सिंचाई का क्षेत्रफल बढ़ जाएगा। इससे सीधी, रीवा, सिंगरौली और मऊगंज जिले के 663 गावों को सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी।
  • सिवनी और बालाघाट जिले की संजय सरोवर परियोजना की नगरों के विस्तारीकरण, नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण प्रस्ताव को प्रशासनीक स्वीकृति दी गई। करीब 332 करोड़ रुपये की परियोजना से 11,450 हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा का लाभ जिले के किसानों को मिलेगा।
  • बाणसागर बहुउद्देशीय परियोजना के अंतर्गत बहुती नहर को भारत सरकार की मॉडर्नाइजेशन ऑफ कमांड एरिया डेवलपमेंट वर्क (एमसीएडी) अंतर्गत 1,146 करोड़ रुपये की माइक्रो सिंचाई परियोजना में परिवर्तन करने की सैद्धांतिक अनुमति दी गई है। सिंचाई परियोजना से माइक्रो सिंचाई परियोजना में परिवर्तित करने से सिंचाई का एरिया भी बढ़ेगा। इस परियोजना में 60 प्रतिशत राशि केंद्र और 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार व्यय कर रही है।

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