कान्हा से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व 9 बारासिंघा भेजे गये। इस कैप्चर प्रक्रिया का नेतृत्व सुनील कुमार सिंह, क्षेत्र संचालक, कान्हा टाइगर रिजर्व द्वारा किया गया। ऑपरेशन के दौरान पुनीत गोयल, उप संचालक (कोर), डाॅ. संदीप अग्रवाल, वन्यप्राणी चिकित्सक एवं उनका रेस्क्यू दल तथा कान्हा टाइगर रिजर्व के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा भाग लिया गया। राज्य पशु बारासिंघा के सतपुड़ा टायगर रिजर्व में ट्रांसलेशन हेतु भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन द्वारा अनुमति दी गई थी। बारासिंघा कैप्चर हेतु विशेष रूप से निर्मित बोमा का निरीक्षण किया गया एवं बारासिंघा कैप्चर की रणनीति तैयार की गई।
कान्हा में इनकी संख्या लगभग 948
सोमवार प्रातः 8 बजे से कैप्चर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई। लगभग 10ः30 बजे बारासिंघा कैप्चर की प्रक्रिया पूर्ण की गई। बारासिंघा को विशेष रूप से निर्मित वन्यप्राणी परिवहन ट्रक में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की ओर रेस्क्यू दल की देखरेख में रवाना किया गया। प्रदेश में इनकी संख्या बढ़ाने के उद्वेश्य से पिछले कुछ वर्षों में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल में 7 एवं बांधवगढ़ टायगर रिजर्व में 48 मध्य भारतीय हार्ड ग्राउण्ड बारासिंघा को सफलतापूर्वक स्थानांतरण किया जा चुका है। कान्हा में सत्तर के दशक में मात्र 66 बारासिंघा बचे थे, कान्हा प्रबंधन द्वारा बेहतर संरक्षण के चलते अब कान्हा में इनकी संख्या लगभग 948 तक हो गयी है।