दिल्ली: महापौर चुनाव की अधिसूचना आज संभव

मेयर चुनाव की अधिसूचना मंगलवार को जारी हो सकती है। मेयर और निगम सचिव कार्यालय दोनों ओर से ऐसे संकेत मिले हैं। मेयर चुनाव के लिए आयोजित होने वाली सदन की बैठक की तारीख 19 से 26 अप्रैल के बीच तय की जा सकती है। मौजूदा समय लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगे होने के कारण दिल्ली नगर निगम को मेयर चुनाव कराने की अनुमति भारत निर्वाचन आयोग से लेनी होगी।

मेयर डॉ. शैली ओबरॉय एमसीडी के मौजूदा वित्त वर्ष की पहली बैठक बुलाने के लिए तारीख सुनिश्चित करेंगी। इसके बाद निगम सचिव कार्यालय की ओर से मेयर चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी। फिर निगम सचिव कार्यालय की ओर से सदन की बैठक में मेयर चुनाव कराने के एजेंडे पर मुहर लगाने के लिए एक फाइल एलजी कार्यालय भेजी जाएगी। एलजी कार्यालय और निर्वाचन आयोग दोनों से अनुमति मिलने के बाद नामांकन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नामांकन करने के लिए 10 दिन का समय मिलेगा।

नामांकन के बाद नामित होंगे पीठासीन अधिकारी
प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद मेयर चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नामित करने की प्रक्रिया शुरू होगी। एमसीडी के 250 पार्षदों में से किसी एक पार्षद को पीठासीन अधिकारी नामित करने की शक्ति एलजी के पास है। इसमें नियम ये है कि पीठासीन अधिकारी मेयर पद का प्रत्याशी नहीं होना चाहिए। इसके अलावा नियम में एक परंपरा ये भी रही है कि जो भी इसके पहले मेयर होता है, वो ही पीठासीन अधिकारी बना दिया जाता है। लेकिन ये निर्णय लेने का अधिकार एलजी के पास है।

सारिका, विकास और प्रेम का नाम आगे
मेयर पद के प्रत्याशी की दौड़ में आप पार्षद सारिका चौधरी, विकास टांक और प्रेम चौहान का नाम सबसे आगे है। इसके अलावा धर्मवीर के नाम की भी चर्चा हो रही है। सारिका चौधरी आम आदमी पार्टी की दिल्ली महिला विंग की अध्यक्ष हैं। देखना ये होगा कि क्या आप लगातार तीसरी बाद किसी महिला को मेयर बनाने के लिए नाम आगे बढ़ाता है। विकास टांक तीसरी बार पार्षद हैं। ये दो बार कांग्रेस से पार्षद रहे, तीसरी बार इनको आम आदमी पार्टी की ओर से मौका मिला। प्रेम चौहान दूसरी बार पार्षद हैं और पूर्ववर्ती दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में लगातार दो साल तक नेता विपक्ष की भूमिका में रहे। इनकी छवि पक्ष और विपक्ष दोनों में बराबर स्वीकार्य रही है। धर्मवीर भी लगातार दूसरी बार पार्षद चुने गए हैं। ध्यान रहे कि एमसीडी के नियमानुसार मौजूदा तीसरे वित्त वर्ष में मेयर का पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।

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