जिस उम्र में रिटायरमेंट लेकर लोग घर बैठते हैं…उस उम्र में किशोर पारेख ने पांगरचुल्ला चोटी पर लहराया तिरंगा

छत्तीसगढ़: कहते हैं न उम्र आपके हौसले नहीं तोड़ सकती, बस आपके इरादे मजबूत होने चाहिए बड़ी से बड़ी सफलता आपके कदम चूमेंगी। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है छत्तीसगढ़ के समाजसेवी किशोर पारेख ने। यहां उन्होंने 61 साल की उम्र में उत्तराखंड की पांगचुरल्ला चोटी पर तिरंगा फहराया है। जी हां जिस उम्र में लोग रिटायरमेंट लेकर घर में बैठ जाते हैं उस उम्र में किशोर पारेख ने 15 हजार फीट ऊंची चोटी में पहुंचकर बस्तर और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। किशोर पारेख की इस उपलब्धि पर सीएम विष्णुदेव साय ने उन्हें बधाई दी है।

सीएम विष्णुदेव साय ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा है, “लहरा दो सरकशी का परचम लहरा दो”। हमारे छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर के किशोर पारेख जी ने माइनस 7 डिग्री में 15 हजार फीट ऊंची उत्तराखंड की पांगरचुल्ला चोटी में तिरंगा लहराकर एक नया कीर्तिमान रचा है। उम्र को बाधा न मानकर किशोर जी के इस जज्बे से पूरा छत्तीसगढ़ गौरवान्वित है। उनको बहुत-बहुत बधाई एवं उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं।

बता दें कि पांगचुरल्ला पहाड़ उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है, जो बर्फ से ढ़का रहता है। 15 हजार फीट ऊंची चोटी तक पहुंचने के लिए किशोर पारेख और उनके टीम को 10 दिन लगे। किशोर पारेख ने अपनी यात्रा 26 अप्रैल से शुरू की थी। 6 मई की सुबह लगभग 8 बजे किशोर पारेख 15 सदस्यों की टीम के साथ चोटी पर पंहुचे। पांगचुरल्ला की चोटी पर -10 डिग्री तापमान का सामना करना पड़ा।

गौरतलब है की पांगचुरल्ला पहाड़ की चोटी को फतेह करने के लिए एक टीम बनाई गई थी जिसमें कुल 15 लोग शामिल हुए। इनमें से अधिकतर कर्नाटक के मैसूर और बैंगलोर से थी। छत्तीसगढ़ से किशोर पारेख इस अभियान में शामिल हुए और विजय पाई।

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