बिहार लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश मंत्रिमंडल की पहली बैठक, कई अहम फैसलों पर लगी मुहर

बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार को नीतीश मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें बेरोजगारी भत्ता सहित 25 अहम फैसलों पर मुहर लगाई गई। नीतीश की लोकसभा चुनाव के बाद पहली बैठक है, जिसमें सभी विभागों के मंत्री शामिल हुए।

बेरोजगारी भत्ता देने के प्रस्ताव को मंजूरी
नीतीश कैबिनेट ने बेरोजगार श्रमिकों को बेरोजगारी भत्ता देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी। मंत्रिमंडल ने मनरेगा योजना के तहत काम मांगने पर काम न मिलने की अवस्था में बेरोजगार श्रमिक को जीवन निर्वाह के लिए दैनिक बेरोजगारी भत्ता देने का प्रस्ताव स्वीकृत किया। बता दें कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) योजना के तहत यदि आवेदक को काम मांगने पर 15-20 दिन के अंदर काम नहीं मिलता तो उसे 100-150 दिनों तक दैनिक बेरोजगारी भत्ता देने का प्रावधान है।

कर्मचारियों के HRF तथा बिहार कॉन्टिजेंसी फंड में बढ़ोतरी
राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के मकान किराया भत्ता में 16 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत वृद्धि कर दी है। जेड श्रेणी के शहरों को आठ प्रतिशत के स्थान पर 10 प्रतिशत भत्ता देय होगा। अवर्गीकृत शहरों में भत्ता दर अब छह प्रतिशत की बजाय साढ़े सात प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में चार के स्थान पर पांच प्रतिशत होगी। बिहार की एनडीए सरकार ने राज्य की कॉन्टेंजेंसी फंड में भी इजाफा किया है। वहीं बिहार आकस्मिकता निधि को वित्तीय वर्ष 2024-25 में अस्थाई रूप से बढ़ाकर 10000 करोड़ रुपए करने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त सीएम ने मंत्रियों को सभी कार्यों को जल्द निपटाने के आदेश दिए।

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