इस विधि से करें मार्गशीर्ष मासिक कालाष्टमी की पूजा, सभी बाधाएं होंगी समाप्त

हिंदू धर्म में मासिक कालाष्टमी का दिन बहुत ही विशेष माना जाता है। इस पावन दिन पर लोग भगवान शिव के सबसे उग्र स्वरूप भैरव बाबा की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त इस दिन भक्तिभाव के साथ उपवास रखते हैं और पूजा-पाठ करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने में मासिक कालाष्टमी में 23 नवंबर, 2024 दिन शनिवार को मनाई जाएगी,

जो भक्त भगवान भैरव बाबा का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, उन्हें इस दिन (Kalashtami 2024) उनकी खास पूजा करनी चाहिए, तो आइए यहां पर सही पूजन नियम और मंत्र जानते हैं।

मार्गशीर्ष मासिक कालाष्टमी शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 22 नवंबर को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 23 नवंबर को शाम 07 बजकर 56 मिनट पर होगा। इस दिन रात्रि में काल भैरव जी की पूजा का विधान है। ऐसे में 22 नवंबर को मार्गशीर्ष माह की कालाष्टमी मनाई जाएगी। इसके अलावा इस दिन निशिता मुहूर्त रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।

मार्गशीर्ष मासिक कालाष्टमी पूजन विधि
सुबह उठकर स्नान करें। इसके बाद साफ कपड़े पहनें। अपने मंदिर की साफ-सफाई करें। एक वेदी पर भैरव बाबा की प्रतिमा स्थापित करें। फिर पंचामृत और गंगाजल से उनका अभिषेक करें। इसके बाद उनकी प्रतिमा साफ वस्त्र से पोंछे। उन्हें इत्र लगाएं और सफेद फूलों की माला अर्पित करें। चंदन का तिलक लगाएं। फल, मिठाई और घर पर बने मिष्ठान का भोग लगाएं। भगवान के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और काल भैरव अष्टक का पाठ भक्तिपूर्वक करें। आरती से अपनी पूजा को पूरी करें।

अंत में पूजा में हुई गलतियों के लिए माफी मांगे। व्रती अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलें। गरीबों को भोजन खिलाएं और क्षमता अनुसार दान करें।

मार्गशीर्ष मासिक कालाष्टमी का पूजन मंत्र
ॐ काल भैरवाय नमः
ॐ हं षं नं गं कं सं खं महाकाल भैरवाय नमः
ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं

Related Articles

Back to top button